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हर्षद मेहता के जन्म और जीवन के बारे में कुछ रोचक तथ्य यह हैं:
जन्म और परिवार
- हर्षद मेहता का जन्म 12 जुलाई 1957 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था।
- उनके पिता का नाम रमेश बताया गया था और वह एक छोटे से बिजनेस में काम करते थे।
- हर्षद मेहता के एक बड़े भाई और एक छोटी बहन हैं।
क्षुधा
- हर्षद मेहता ने मुंबई के एक स्थानीय स्कूल में अपनी ऑनलाइन पढ़ाई पूरी की।
- उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से बिजनेस में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
करियर
- हर्षद मेहता ने अपने करियर की शुरुआत एक स्टॉक ब्रोकर के रूप में की।
- उन्होंने जल्दी ही अपनी प्रतिभा और प्रतिभा के कारण स्टॉक मार्केट में एक प्रमुख स्थान बना लिया।
- हर्षद मेहता ने कई पुराने स्टॉक मार्केट में काम किया और इस दौरान उन्होंने कई बड़े निवेश किए।
वर्गीकरण और परिणाम
- हर्षद मेहता का घोटाला 1992 में हुआ था, जिसमें उन्होंने बैंकों से पैसा लिया और उन्हें स्टॉक मार्केट में निवेश किया।
- इस मॉडल के मुताबिक, हर्षद मेहता को गिरफ्तार किया गया और उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए।
- हर्षद मेहता को 1992 में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 1995 में ज़मानत पर रिहा कर दिया गया था।
मृत्यु
- हर्षद अख्तर का निधन 31 दिसंबर 2001 को मुंबई में हुआ था।
- उनकी मृत्यु के समय, उनकी उम्र 44 वर्ष थी।
हर्षद गवाह के मामले में कई काली मिर्च (अरोप) लगाए गए थे, जिनमें से कुछ प्रमुख आरोप ये हैं:
आर्थिक अपराध
1. *बैंकों का घोटाला*: हर्षद ने उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने बैंकों से पैसे लेकर स्टॉक मार्केट में निवेश किया।
2. *स्टॉक मार्केट में हेराफेरी*: उन पर आरोप लगाया गया था कि वे स्टॉक मार्केट में हेराफेरी और स्टॉक मार्केट में हैं।
3. *निवेशकों को धोखा देना*: आरोप लगाया गया था कि उन्होंने निवेशकों को धोखा दिया और उनके पैसे हड़प लिए।
कानूनी मामला
1. *सेबी के नियमों का उल्लंघन*: हर्षद पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने सेबी के दावों का उल्लंघन किया।
2. *बैंकिंग बैलेंस का उल्लंघन*: एक व्यक्ति पर आरोप लगाया गया कि बैंकिंग बैलेंस का उल्लंघन किया गया।
3. *आपराधिक साजिश*: उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने आपराधिक साजिश रची और अन्य लोगों को भी इसमें शामिल किया था।
भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक हर्षद प्रतियोगिता है, जो 1992 में हुई थी। इस घोटाले में हर्षद मेहता ने बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर बैंकों से पैसे लिए और उन्हें स्टॉक मार्केट में निवेश किया। इस घोटाले की राशि लगभग ₹4,000 करोड़ थी।
इसके अलावा, केतन पार्लाइन घोटाला भी एक बड़ा घोटाला था, जो 2001 में हुआ था। इस घोटाले में केतन पार्लिन ने बैंकों और अन्य वित्तीय निवेशकों से पैसा और उन्हें सेल्यूलर ट्रेडिंग में निवेश किया। इस घोटाले की राशि लगभग ₹40,000 करोड़ थी।
इन दोनों घोटालों के अलावा, भारत में कई अन्य बड़े घोटाले भी शामिल हैं, जिनमें एनएसई कोलोकेशन घोटाला, कार्वी घोटाला और यूटीआई घोटाला शामिल हैं।




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